नमो बनाम युवराज बनाम
केजरीवाल
आज सियासत का जो
माहौल देश में बना है उससे नहीं लगता कि आगामी लोकसभा चुनाव किन्हीं विचारधाराओं व
मुद्दों पर केंद्रित होगा, बल्कि समूचा माहौल दो व्यक्तित्वों को लेकर बनाया जा चुका है। जिसमें एक ओर नरेन्द्र मोदी हैं और दूसरी ओर राहुल गांधी। दोनों के दरमियाँ जबानी लड़ाई शुरू हो चुकी है। सत्ता तक पहुँचने के लिए दावों पर दावों का दौर जारी है ।मंच,अखबार और चैनल से निकल कर ये लड़ाई सोशल मीडिया में
में पुरे शबाब पर है । अण्णा हजारे के आंदोलन से प्रकाश में आई आम आदमी पार्टी
(आप) के नायक और राजनीतिक सरजमीं पर महानायक के तौर पर सामने आए अरविंद केजरीवाल
एक ऐसी ही शख्सियत हैं जिन्होंने दिल्ली में अपने पहले ही प्रयास में वहां की
जमी-जमाई सरकार के पांव उखाड़ फेंके। और एक ही झटके में कांग्रेस-भाजपा को लोहे के
चने चबाने मजबूर कर दिया।उनका इस मुकाबले में त्रिकोण पैदा करने की हैसियत भले ही
ना बन पाई हो पर इन दोनों को नुकसान पहुचाने की स्थिति में तो आ ही सकते हैं । सूत्रों के
अनुसार आप की रणनीति होगी कि फिलहाल वह कांग्रेस और बीजेपी पर समान रूप से हमला
करे, जबकि मुद्दा और
मौका देखते हुए रिस्पॉन्स करे। आप पर सीधे-सीधे मोदी के कमेंट्स करने से यह संदेश
गया है कि मोदी के लिए अब कांग्रेस ही नहीं आप भी खतरा है। केजरीवाल और मोदी दोनों
युवाओं और सोशल मीडिया में बेहद लोकप्रिय हैं। यहां दोनों की बराबर टक्कर होती है।
दोनों में न्यू इंडिया के लीडर के तौर पर पेश होने की होड़ है। आप और बीजेपी दोनों
ही पार्टियां कांग्रेस और करप्शन के खिलाफ असली जंग लड़ने का दावा करते हुए लोकसभा
चुनाव की ताल ठोककर वोटरों को लुभाने की कोशिश में हैं। हाल तक पस्त दिख रही
कांग्रेस पार्टी में सुगबुगाहट तेज हो गई है। राजनीतिक पंडित भले ही उसको रेस से
बाहर बता रहे हों पर पार्टी ने बिना धैर्य खोये और जल्दबाजी दिखाए अपने आकलन के
हिसाब से अपनी तैयारी अब शुरू की है। पार्टी उपाध्यक्ष राहुल गांधी कार्यकर्ताओं
का आत्मविश्वास बढ़ाने के लिए कमर कसकर तैयार दिख रहे हैं।
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