सच की तलाश में शुरू हुआ सफ़र.....मंजिल तक पहुंचेगा जरुर !!!

सच की तलाश में शुरू हुआ सफ़र.....मंजिल तक पहुंचेगा जरुर !!!
AMIR KHURSHEED MALIK

Sunday, August 2, 2015

development v/s damages

इस तरह के हमारे पास अनगिनत प्रमाण मिल सकते हैं जहाँ इंसान ने प्रकृति को नाराज़ करके आपदा झेली है । यह सिर्फ भारत में ही नहीं है । अमेरिका, चीन, ब्रिटेन जैसी महाशक्तियां भी अपने विकास की कीमत समय-समय पर चुकाती रहती हैं । पिछले कुछ वर्षों में मानसून का चक्र बदला है। जहां ज्यादा वर्षा होती है तो वहां उसका स्तर बढ़ता ही चला जाता है। जहां सूखा पड़ता है तो वह भी शिखर पर पहुंच जाता है। वैज्ञानिकों की राय में इस वक्त हम एक्स्ट्रीम वैदरका सामना कर रहे हैं और ऐसी घटनाएं लगातार बढ़ती ही जा रही हैं। हम लोग कुदरत के साथ जो छेड़छाड़ कर रहे हैं, जिस प्रकार उसे बाधित कर रहे हैं, उसका परिणाम हमें इन बढ़ते सैलाब के रूप में देखने को मिल रहा है। पानी रोकने के लिए तालाब जैसे तरीके खत्म होते जा रहे हैं और आबादी पर कोई नियंत्रण नहीं है। ये सब मिलकर समस्या को बढ़ा रहे हैं। विकास की आड़ में प्राकृतिक क्षेत्रों को नुक्सान पहुंचाया गया है। विकास के नाम पर अतिक्रमण का खामियाजा आखिर हमें ही भुगतना पड़ रहा है।

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