सच की तलाश में शुरू हुआ सफ़र.....मंजिल तक पहुंचेगा जरुर !!!

सच की तलाश में शुरू हुआ सफ़र.....मंजिल तक पहुंचेगा जरुर !!!
AMIR KHURSHEED MALIK

Friday, August 7, 2015

DUSTBIN


आईये अपने सपनो के एक घर की कल्पना को हकीक़त में बदलते देखने की कोशिश करते हैं ! हमारे घर में क्या कुछ हो सकता है , उसकी रूपरेखा  बना लीजिये ! हमारे छोटे से घर में, जिसमें बहुत खूबसूरत लॉन(LAWN) से अन्दर पहुँचते ही एक ड्राइंगरूम(DRAWINGROOM), हमारे अतिथियों के स्वागत के लिए तैयार होगा ! हमारे परिवार के लिए एक शांत शयनकक्ष(BEDROOM), जिसमें हम सब अपनी नींद पूरी कर सकें ! स्वादिष्ट खाना बनाने के लिए एक रसोई तो होनी ही चाहिए !  लेकिन यह सब कुछ खाली खाली सा लग रहा है ! अब इस खाली पड़े घर में कुछ जरुरत की मुताबिक़ सामान तो इकठ्ठा कर लेते हैं ड्राइंगरूम में कुछ सोफ़े, कुर्सियां तो होनी ही चाहिए ! शयनकक्ष के लिए चारपाई या डबल बेड तो लाना ही पड़ेगा ! कुछ घरेलु जरुरत की  चीज़ें, जैसे किचन के लिए गैस स्टोव आदि बुनियादी जरूरते भी जुटानी पड़ेंगी ! आईये फिर चलते हैं किसी कूड़ाघर में , और तलाश करते हैं अपनी जरुरत का सामान ! क्या ? आप चोंक क्यों गए ! क्या आप अपने घर को कूड़ा घर के सामान से नहीं संजाना चाहेंगे ?
हम अपने घर में तो कोई भी कूड़ा-करकट पसंद नहीं करते ! लेकिन अपने शरीर के सबसे महत्वपूर्ण अंग “दिमाग” में पूरे संसार की गन्दगी भरने से कोई गुरेज़ नहीं करते ! जितने भी नकारात्मक विचार संभव हैं , उनको आने देने के लिए हमारे मस्तिष्क के द्वार सदा खुले रहते हैं ! अगर अनजाने में ऐसा हो जाए , तो बात समझ में आती है ! लेकिन अक्सर हम जानते-बूझते चुपचाप नकारात्मकता को स्वीकारते हैं ! जबकि इसका सबसे पहला दुष्प्रभाव हमारे स्वयं के ऊपर ही पड़ना होता है ! जरा सोचिये , जब हम अपने अस्थाई निवास के लिए कूड़ा करकट पसंद नहीं करते हैं ! तो अपने शरीर के विशिष्ठ अंग के साथ यह बर्ताव क्यों ?

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