आतंकवाद
आज भले ही हम कुछ
गिने-चुने आतंकवादियों को हिरासत में लेते हुए आतंक के मॉड्यूल का खुलासा करने में
सक्षम हो रहे हों, लेकिन इन्हें रोक पाने में अभी भी हम
अक्षम ही हैं। खुफिया सूचनाओं के समुचित कार्यान्वयन के अभाव में आज भी हम देश में
आतंकी घटनाओं को रोक नहीं पा रहे हैं।
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