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(Amir Khursheed Malik) |
गाय का क़त्ल उसके
मांस के निर्यातको के साथ-साथ चमड़े,हड्डी आदि के व्यापारियों की काली करतूत का हिस्सा है |एक आम भारतीय मुसलमान गाय के मांस को उसके साथ
जुडी श्रद्दा और अपने धर्म में दी गई हिदायतों के मद्देनज़र इस्तेमाल नहीं करता |
कुछ शरारती लोग जुर्म
करने से बाज़ नहीं आते |पर उनके खिलाफ सख्त कार्यवाही की हिमायत पूरा मुस्लिम समाज करता है |
अब सवाल आता है
गाय के चमड़े का कारोबार करने वाले क्या गौ हत्या न कराने का संकल्प लेकर इस पेशे
से हो रहे भारी मुनाफ़े को छोड़ने के लिए तैयार हैं ? क्या दूध न देने वाली गायों के लिए हम आर्थिक
लाभ के नज़रिए से हटकर गौशालों की व्यवस्था करने को तैयार हैं ? और इन सबसे बड़ा सवाल ……. क्या हमारी सरकार गौरक्षा एवं विकास विषय को
अपनी प्राथमिकता सूची में लाकर केन्द्रीय कानून बनाकर गौहत्या पर पूर्ण प्रतिबन्ध
लगाने को तैयार है ?
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