सच की तलाश में शुरू हुआ सफ़र.....मंजिल तक पहुंचेगा जरुर !!!

सच की तलाश में शुरू हुआ सफ़र.....मंजिल तक पहुंचेगा जरुर !!!
AMIR KHURSHEED MALIK

Saturday, April 4, 2015

उर्दू कहानी के सशक्त हस्ताक्षर : खुर्शीद मलिक

आज उनको हमसे बिछड़े हुए 12 साल हो गए यकीनन वक़्त हर जख्म पर मरहम रख देता है पर कुछ कमियां कभी पूरी नहीं हो सकती 04 अप्रैल 2003 को हमारे वालिद और उर्दू अफसानानिगार जनाब खुर्शीद अहमद मलिकहम सब को अकेला छोड़ कर दुनिया को अलविदा कह गए थे इस्लामियां इंटर कॉलेज में अंग्रेजी के प्रवक्ता के पद पर कार्यरत रहते हुए भी उर्दू अदब से उनका लगाव बेमिसाल था उनके अनगिनत उर्दू अफ़साने देश-विदेश के विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हुए उनके कहानी संग्रह सिमटी हुई किरचेंऔर रिश्तों का बोझको काफी पसंद किया गया था इनको कई पुरस्कार भी प्राप्त हुए थे इसके अलावा उनकी कई पुस्तकें प्रकाशित हुईं जहान -अफसानासहित कई कहानी संग्रहों का उन्होंने सम्पादन किया रूसी कहानियों के उर्दू में अनुवाद के लिए उन्हें काफी प्रशंसा मिली प्रसिद्ध उर्दू लेखक रामलालके साहित्यिक पत्रों पर विशिष्ठ लेखन के लिए उर्दू साहित्य जगत में उन्हें काफी सराहा गया इसको एक पुस्तक के रूप में भारत के साथ पाकिस्तान में भी प्रकाशित होने का मौका मिला कई बड़े अंग्रेजी के लेखकों की रचनाओं को उर्दू और हिंदी के पाठकों तक पहुचाने के लिए उनका अनुवाद का काम पूरे जीवन चलता रहा बेडमिन्टन के अच्छे खिलाड़ी मोहतरम खुर्शीद अहमद मलिकसाहब के वालिद आस मोहम्मद मलिकइस्लामियां इंटर कॉलेज में प्रिंसिपल थे अंग्रेजी के अध्यापक,उर्दू और हिंदी के लेखक खुर्शीद अहमद मलिकसाहब ने हाई स्कूल के लिए गणित विषय की पाठ्य पुस्तक भी लिखी थी जिसको उस समय कई विद्यालयों में काफी सराहना भी मिली थी  खुर्शीद अहमद मलिकसाहब की पत्नी शमा अज़ीज़नेशनल गर्ल्स इंटर कॉलेज में होम साइंस की लेक्चरार रही हैं खुर्शीद अहमद मलिकके कई कहानी संग्रहों के आवरण पृष्ठ के चित्र उनकी ही कला का नमूना होते थे उनकी दो बहने डा. सुरैय्या मलिक और डा. शहनाज़ मलिक हैं जो कानपुर में रहती हैं तीन बेटे:-ई० आमिर मलिक,डा.कादिर मलिक,डा.यासिर मलिक हैं

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