सच की तलाश में शुरू हुआ सफ़र.....मंजिल तक पहुंचेगा जरुर !!!

सच की तलाश में शुरू हुआ सफ़र.....मंजिल तक पहुंचेगा जरुर !!!
AMIR KHURSHEED MALIK

Tuesday, June 30, 2015

कबीर


Monday, June 29, 2015

इंसानियत

बस यूँ ही ........ चलते - चलते 
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दुनिया के तमामतर धर्म 
इंसानियत की ही पैरवी करने का 
दावा करते नज़र आते हैं ।
लेकिन ,
इनके तथाकथित सर्वश्रेष्ठ पैरोकारों के आचरण में ,


कहीं भी इंसानियत नज़र नहीं आती ।
बस यूँ ही ,चलते-चलते ख्याल आ गया ।

Friday, June 26, 2015

ख्याल आ गया !

बस यूँ ही चलते-चलते ......
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सोशल मीडिया ने अनजाने रिश्तों को पहचानने का एक मौका तो दिया है !
पर ....
जाने-पहचाने रिश्तों के दरमियाँ दूरियां कुछ बढ़ सी गई हैं !
जरा सोचिये ,
बस यूँ ही चलते-चलते ..................ख्याल आ गया !

बस यूँ ही चलते-चलते ......

बस यूँ ही चलते-चलते ......
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किसी के पास इतना पैसा है कि उसको कहाँ रखे , 
इस मुसीबत का सामना कर रहा है !
और यह कमबख्त स्विस बैंक....... 
किसी न किसी नाम का खुलासा हो ही जाता है !
पर ....
किसी के पास इस वक़्त खाने के बाद ,
शाम के पेट भरने का इंतज़ाम भी नहीं है !
अरे कुछ नहीं ........... ,
बस यूँ ही चलते-चलते ..................ख्याल आ गया !

चलते-चलते

बस यूँ ही , चलते-चलते ......
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सोशल मीडिया पर जितनी आदर्शवादिता की सीख मै खुद पोस्ट करता हूँ , 
अगर उसकी आधी भी मै खुद अमल में ले आता ,
तो ......... अब तक “मैं” ,
“मैं” से निकल कर “आदमी” बन गया होता ! ! !
अरे अरे ..... आप नाराज़ मत होइए ,
यह मेरा निशाना 100% खुद पर ही है !
हम्म ...... बोले तो ..... ‘आत्मविश्लेषण’
बस यूँ ही चलते-चलते ..................ख्याल आ गया !

बस यूँ ही

बस यूँ ही , चलते-चलते ......
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फेसबुक पर एक आईडी बनाइये , 
और लग जाइए किसी अर्थहीन बहस में ,
कुछ ही देर में आपका “मैं” ,
एक अदभुत श्रेष्ठता की अनुभूति पालेगा ! ! !
और बिना जानकारी के ही आपका नाम ,
जानकारों की फेरहिस्त में ,
आपकी अपनी ही ही नज़रों में दर्ज हो जाएगा !!!
बस यूँ ही चलते-चलते ..................ख्याल आ गया !